Jodha akbar history in hindi
Jodha Akbar Story In Hindi आमतौर पर हम सभी जानते हैं कि जोधा और अकबर का नाम मध्यकालीन इतिहास (Medieval History) में प्रमुखता से लिया जाता है। माना जाता है कि जोधा एक हिंदू राजकुमारी थीं जबकि अकबर एक मुस्लिम शासक(Muslim Raja) था। लेकिन विवाह के बाद अकबर ने जोधाबाई को कभी हिंदू रीति रिवाजों एवं पूजा पाठ से नहीं रोका और उसने हिंदू धर्म को काफी सम्नान दिया। जोधा और अकबर की प्रेम कहानी(Love Story) इतिहास में अमर है और इस कहानी पर फिल्म भी बन चुकी है।
आज के इस लेख में हम आपको जोधा अकबर की पूरी कहानी बताने जा रहे हैं।
- अकबर कौन था Akbar Kaun Tha In Hindi
- अकबर का संक्षिप्त जीवन परिचय Akbar Ka Jeevan Parichay In Hindi
- जोधाबाई कौन थीं Jodha Bai Kaun Thi In Hindi
- जोधाबाई का संक्षिप्त जीवन परिचय Jodha Bai Ka Jeevan Parichay In Hindi
- जोधा अकबर की कहानी Jodha Akbar Ki Kahani In Hindi
- जोधा अकबर का विवाह कैसे हुआ Jodha Akbar Ka Vivah Kaise Hua Take away Hindi
- जोधाबाई और अकबर के बेटे का जन्म Jodha Aur Akbar Ke Bete Ka Janam Acquire Hindi
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अकबर कौन था – Akbar Kaun Tha Accumulate Hindi
अकबर का जन्म 15 अक्टूबर 1542 को हुआ था। उसके बचपन का नाम अबुल-फतह जलाल उद-दिन मुहम्मद अकबर(Abu’l-Fath Jalal Ud-Din Muhammad Akbar) था। 1556 में अकबर अपने पिता हुमायूँ का उत्तराधिकारी बना लिया। 13 वर्ष की उम्र में बैरम खान को उसने शहंशाह घोषित किया था। चूंकि उस समय अकबर केवल एक किशोर था इसलिए उसके बड़े होने तक बैरम खान ने उसकी जगह शासन किया। अकबर को उसकी कई उपलब्धियों के कारण उसे ‘द ग्रेट’ ( ‘The Great’)का उपनाम दिया गया था।
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अकबर का संक्षिप्त जीवन परिचय – Akbar Ka Jeevan Parichay In Hindi
- अकबर डिस्लेक्सिक(Dyslexic) था और कभी पढ़ना या लिखना नहीं चाहता था। हालाँकि, उसे महान संगीतकार तानसेन और बीरबल जैसे लेखकों, संगीतकारों, चित्रकारों और विद्वानों की कंपनी पसंद थी।
- यह सर्वविदित है कि अकबर सभी धर्मों के प्रति सहिष्णु(Liberal) था। उनकी 25 से अधिक पत्नियां थीं और उनमें से अधिकांश दूसरे धर्मों की थीं। उसकी कई पत्नियों में सबसे महत्वपूर्ण जोधाबाई थीं, जो जयपुर की राजकुमारी थीं।
- उसने अपना युवावस्था शिकार करने, दौड़ने और युद्ध करना सीखने में बीताया, जिसने वह बाद में एक साहसी, शक्तिशाली और एक बहादुर योद्धा बना।
- 1563 में, अकबर ने मुस्लिमों के पवित्र स्थान पर आने वाले हिंदू तीर्थयात्रियों से कर वसूलने का कानून रद्द कर दिया।
- अकबर सभी धर्मों के प्रति उदार रवैया रखता था। इस उदारवादी रवैये(Liberal Attitude) से उसे अपने क्षेत्र के विस्तार में भी काफी मदद मिली।
- उत्तर भारत के बाद, अकबर ने भारत के दक्षिणी भाग में अपनी क्षेत्रीय सीमा का विस्तार शुरू किया।
- अकबर के दरबार में अकबर के नौ मंत्री थे, जिन्हें नवरत्न या ‘9 रत्न'(9 Gems) कहा जाता था।
- 3 अक्टूबर, 1605 को पेचिश(Dysentery) के कारण अकबर बीमार पड़ गया। माना जाता है कि उनकी मृत्यु 27 अक्टूबर, 1605 को हुई थी।
- मृत्यु के बाद अकबर के शरीर को आगरा के सिकंदरा में एक मकबरे(Mausoleum) में दफनाया गया था।
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जोधाबाई कौन थीं Jodha Bai Kaun Thi Reconcile Hindi
जोधा बाई का जन्म 1 अक्टूबर 1542 को हुआ था। जोधा बाई आमेर (जयपुर) के राजा भारमल की बेटी थीं। वह एक हिंदू राजकुमारी थी लेकिन उसने एक मुस्लिम राजा अकबर से शादी की। उन्हें आधुनिक भारतीय इतिहास लेखन में अकबर और मुगलों के धार्मिक मतभेदों को सहन करने और बहु जातीय और बहु संप्रदाय के विस्तार के भीतर उनकी समावेशी नीतियों के प्रति सहिष्णुता का एक उदाहरण माना जाता था।
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जोधाबाई का संक्षिप्त जीवन परिचय – Jodha Bai Ka Jeevan Parichay In Hindi
- जोधा बाई का जन्म हीर कुंवारी(Heer Kunwari) के रूप में हुआ था। उनका अन्य नाम हीरा कुंवारी और हरका बाई था।
- मुगल इतिहास में उनका नाम मरियम-उज-जमानी(Mariam-Uz-Zamani) था। यह उपाधि उन्हें उनके पति अकबर द्वारा उनके बेटे जहाँगीर को जन्म देने के बाद दी गई थी।
- अकबर के साथ जोधाबाई का विवाह 6 फरवरी 1562 को 20 वर्ष की उम्र में हुई थी।
- मरियम-उज-जमानी को मुगल सम्राट अकबर और उनके बेटे जहांगीर के शासनकाल(Reign) के दौरान हिंदुस्तान की रानी माँ(Queen Mother Of Hindustan)के रूप में जाना जाता था।
- जोधाबाई सबसे लंबे समय तक हिंदू मुगल महारानी रहीं। उनका कार्यकाल 43 वर्षों तक रहा।
- हीर कुंवारी के साथ अकबर का विवाह जोधाबाई और अकबर के पिता के बीच एक राजनीतिक गठबंधन( Political Alliance) के कारण हुआ था।
- चूंकि जोधाबाई हिंदू(Hindu) थी इसलिए इस विवाह के बाद सम्राट अकबर(King Akbar) ने हिंदू धर्म के लिए अधिक अनुकूल दृष्टिकोण से देखा और इस धर्म को सम्मान दिया। अकबर से शादी के बाद भी हीर कुंवारी ने इस्लाम धर्म(Islam Dharm) नहीं अपनाया और वह हमेशा एक हिंदू बनी रही।
- सम्राट अकबर की कई पत्नियां थी लेकिन वह जोधाबाई को अधिक प्रेम करता था। हिंदू होने के बावजूद उन्होंने मुगल घराने में बहुत सम्मान कायम रखा। जोधा को अकबर के पहले और आखिरी प्यार के रूप में जाना जाता था।
- मरियम-उज-जमानी के अलावा जोधा ने मल्लिका-ए-मुअज्जमा(Mallika-E-Muezzama), मल्लिका-ए-हिंदुस्तान और वली निमात बेगम की उपाधि भी धारण की, जिसका अर्थ है ईश्वर का उपहार(Gift Of God)।
- वह वली निमात मरियम-उज-जमानी(Vali Nimat Mariam Uj Jamani) बेगम नामक शीर्षक से आधिकारिक दस्तावेज जारी करती थी।
- अकबर ने जोधा को शाही महल में प्रथागत हिंदू संस्कार करने की अनुमति दी। उन्होंने उसे महल में एक हिंदू मंदिर बनाए रखने की अनुमति भी दी। वास्तव में अकबर भी कभी-कभी जोधाबाई के साथ पूजा में भाग लेता था।
- माना जाता है कि जोधाबाई एक व्यापार(Trade) कुशल महिला थीं और मुगल साम्राज्य में मसाले और रेशम का व्यापार देखती थीं।
- वर्ष 1623 में जोधाबाई की मृत्यु हो गई। मृत्यु के बाद जोधाबाई को उनकी इच्छा के अनुसार उन्हें उनके पति की कब्र के पास दफनाया गया था।
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जोधा अकबर की कहानी – Jodha Akbar Ki Kahani In Hindi
जोधा और अकबर की कहानी कुछ इस तरह है। कहा जाता है कि अकबर अजमेर मोइनुद्दीन चिश्ती की कब्र पर नमाज अदा करने के लिए जा रहा था तब रास्ते में बिहारी मल ने अकबर से मिलकर उसे बताया कि उसके बड़े भाई सुजा के साथ उसके साले शरीफ-उद्दीन मिर्जा(मेवात का मुगल हकीम) की लड़ाई चल रही है जिसके कारण वह उसे बहुत परेशान कर रहा है। शरीफ उद्दीन की मांग थी कि बिहारी मल अपने बेटे और दो भतीजों को उसे सौंप दे। बिहारी मल ने उसकी बात मान ली और अपने बेटे एवं दो भतीजों को बंधक(Kaidi) के रूप में शरीफुद्दीन को सौंप दिया। लेकिन शरीफ-उद-दीन संतुष्ट नहीं हुआ और वह बिहारी मल को बर्बाद करना चाहता था। अकबर ने बिहारी मल(Bihari Mal) की बेटी से विवाह करने का प्रस्ताव रखा और कहा कि विवाह के बाद उसका बहनोई, शरीफ-उद-दीन(Shareef-Ud-Din) उन्हें परेशान नहीं करेगा।
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जोधा अकबर का विवाह कैसे हुआ – Jodha Akbar Ka Vivah Kaise Hua In Hindi
जोधाबाई और अकबर का विवाह पूरी तरह से राजनीतिक(Political) था। जब अकबर अजमेर में मोईनुद्दीन चिश्ती की कब्र पर नमाज अदा करने के बाद राजस्थान के सांभर में शाही सैन्य शिविर से आगरा लौट रहा था उसी दौरान इनका विवाह 6 फरवरी 1562 को हुआ था। यह विवाह बराबरी का नहीं था और बिहारी मल के परिवार की हीन सामाजिक स्थिति को दर्शाता था। अंबर की राजकुमारी(Amber Princess) के साथ विवाह करने के बाद जोधा का परिवार अकबर के पूरे शासनकाल में उनके परिवार को सेवा प्रदान करता रहा। माना जाता है कि हिंदू राजकुमारी जोधा से विवाह के बाद अकबर ने खुद को मुसलमानों का बादशाह या शहंशाह(Shahnshah) घोषित किया था।
अकबर ने शादी में कई राजपूत राजकुमारियों को बुलाया था। अकबर ने ऐसा करके राजपूतों के लिए सबकुछ सम्मानजनक बना दिया। हालांकि, यह उल्लेखनीय है कि अकबर की राजपूत पत्नियों (मरियम-उज-जमानी सहित) ने मुगल दरबार(Mughal Darbar) में कोई राजनीतिक भूमिका नहीं निभाई थी।
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जोधाबाई और अकबर के बेटे का जन्म – Jodha Aur Akbar Ke Bete Ka Janam False Hindi
1569 में अकबर ने यह खबर सुनी कि उसकी पहली हिंदू पत्नी जोधाबाई गर्भ से है। इससे पहले अकबर के कई बेटे गर्भ में ही मर गए थे लेकिन इस बार शेख सलीम चिश्ती (Shekh Salim Chishti) ने घोषणा की थी कि उसके बेटे का सकुशल जन्म होगा। इसलिए पूरे गर्भधारण की अवधि के दौरान जोधा सीकरी में शेख के पास ही रहीं। 30 अगस्त 1569 को अकबर के पुत्र का जन्म हुआ और उसने पवित्र व्यक्ति की प्रार्थना की प्रभावकारिता में अपने पिता के विश्वास को स्वीकार करते हुए सलीम नाम प्राप्त किया। हालांकि जोधाबाई हिंदू बनी रही, लेकिन जहाँगीर(Jahangir) को जन्म देने के बाद अकबर ने उन्हें मरियम-उज-जमानी की उपाधि से सम्मानित किया।
इस प्रकार इस लेख में आपने जोधा अकबर की पूरी कहानी को जाना है आपको हमारा ये लेख केसा लगा हमे कमेंट्स में जरूर बतायें।
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Images Source: www.imbd.com/jodhaakbar
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